कवयित्री रजनी छाबड़ा का एकल काव्य-पाठ
रजनी छाबड़ा की कविताओं में स्त्री मन की अपने परिवेश और निजी घर-परिवार के साथ संपूर्ण संसार को लेकर जो विभिन्न अनुभूतियां प्रकट होती है उनमें जहां चिंता और चिंतन का भाव है वहीं जीवन को निर्बाध गति से जीने का संदेश भी है। बिना किसी बोझल वैचारिक के उनकी कविताओं में प्रस्तुत सहजता एवं सरलता में उद्धाटित सच निसंदेह हमारा ध्यानाकर्षित करता है।
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