बीकानेर/1 फरवरी/ हिंदी शिक्षक के रूप में अध्यापन के साथ-साथ अध्ययन और सृजन का आयाम जोड़े रखना महत्त्चपूर्ण और अनुकरणीय माना जाता है, इसी क्रम में राजस्थानी साहित्य के सुपरिचित हस्ताक्षर डॉ नीरज दइया हिंदी कविता संग्रह "उचटी हुई नींद" के माध्यम से अपनी रचनात्मकता का नवीन आयाम उद्धाटित करते हैं। उक्त उद्गार केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य राम मिलन ने कविता संग्रह के लोकार्पण के अवसर पर व्यक्त करते हुए कहा कि डॉ नीरज दइया की इन कविताओं में व्यष्टि से स्मष्टि तक पहुंचने का रागात्मक उपक्रम नजर आता है। संग्रह की कविताएं नितांत निजी अनुभूतियों को सरल, सहज व सुबोध भाषा में व्यंजित करती है और इनकी भाव-प्रांजलता बेहद मार्मिक है।
इस अवसर पर डॉ नीरज दइया ने अपनी रचना प्रक्रिया पर प्रकाश डाला वहीं कविता सृजन की उपादेयता और साहित्य को नई पीढी से जोड़े जाने की आवश्यकता पर बल दिया। सागर रोड़ स्थित केंद्रीय विद्यालय क्रमांक एक में हिंदी विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम उपप्राचार्य आर के मीना, हिंदी विभाग के सीताराम जाट, मनोहरलाल मंडीवाल, राजाश्री जांगिड़ और श्रीमती माया जाखड़ ने लोकार्पित काव्य संग्रह के विषय में विचार प्रकट किए। कार्यक्रम में विभिन्न पाठ्यसहगामी गतिविधियों के विजेता विद्यार्थियों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।
दैनिक युगपक्ष 02-02-2014
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